DRS Full Form In Cricket In Hindi क्या होता है?

दोस्तों अगर आप लोग Cricket Match देखते हो तो आपने कई बार DRS शब्द तो सुना हि होगा लेकिन आप लोग सोचते होंगे कि Cricket Me DRS Ka Full Form Kya Hota Hai और Cricket Me DRS Ka Matlab Kya Hota? 

आज आपको DRS Full Form In Cricket In Hindi में पूरी जानकारी देने वाले है, इस विषय में कुछ ही लोगों को सही जानकारी है। इसलिए आप आर्टिकल को ध्यान से पूरा पढ़ें ताकि आप अच्छे से इस रूल को समझ सकें ।

DRS Full Form In Cricket In Hindi क्या होता है?
DRS Full Form In Cricket In Hindi क्या होता है?

DRS Full Form In Cricket

The DRS Full Form In Cricket Is Decision Review System, And the DRS formerly known as Umpire Decision Review System is a technology based system used in cricket to assist match officials in their decision making.

The on-field umpires may choose to consult a third umpire and players may request that the third umpire consider the on-field umpires’ decision.

The main elements used in the DRS system are television replays, technology that tracks the path of the ball and predicts what it will do, microphones are built in to detect small sounds when the ball is bowled. hits the bat or pad, and infra-red imaging detects the temperature change when the ball hits the bat or pad..

The formal DRS system to add review to players was first used in a Test match in 2008, first used in a One Day International (ODI) in January 2011, and in a Twenty20 International in October 2017.

DRS Full Form In Cricket In Hindi

DRS Ka Full Form In Cricket में Decision Review System होता है, और DRS Ka Hindi Full Form डिसीजन रिव्यू सिस्टम होता है।

दोस्तों जब team का कप्तान 10 second के अन्दर टी का निशान बना कर इशारा करने पर उस निर्णय को Third Umpire द्वारा देखा जाता है, उसके बाद थर्ड अम्पायर Replay करके पूरी प्रोसेस को देखता है, यदि अम्पायर द्वारा लिया गया निर्णय गलत होता है, तो वह उसे बदल कर सही निर्णय देता है, और इसके अलावा अगर मैदानी अम्पायर द्वारा लिया गया निर्णय सही पाया जाता है, तो उसमे किसी भी प्रकार का परिवर्तन संभव नही होता है।

डीआरएस क्या है? – What Is DRS In Cricket In Hindi? 

आईसीसी के अनुसार, डीआरएस मैच अधिकारियों को उनके निर्णय लेने में सहायता करने के लिए एक प्रौद्योगिकी-आधारित प्रक्रिया है।

Cricket Me DRS Ka Full Form क्या होता हैं? 

दोस्तों Cricket में DRS Ka Full Form Decision Review System होता है।‌ 

अगर किसी टीम या खिलाड़ी को लगता है कि अंपायर का फैसला गलत है तो वह फील्डिंग के दौरान कप्तान और बल्लेबाजी के दौरान स्ट्राइकर छोर पर खड़ा बल्लेबाज हाथ से टी का निशान बनाकर रिव्यू ले सकता है. इसके लिए 10 सेकंड का समय दिया जाता है।

क्रिकेट में DRS का मतलब क्या होता है?

दोस्तों Cricket में DRS Ka Matlab डिसीजन रिव्यू सिस्टम होता है।‌ 

अगर किसी टीम या खिलाड़ी को लगता है कि अंपायर का फैसला गलत है तो वह फील्डिंग के दौरान कप्तान और बल्लेबाजी के दौरान स्ट्राइकर छोर पर खड़ा बल्लेबाज हाथ से टी का निशान बनाकर रिव्यू ले सकता है. इसके लिए 10 सेकंड का समय दिया जाता है।

क्रिकेट मैच में डीआरएस कौन ले सकता है?

DRS केवल team का कप्तान और बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाज द्वारा लिया जाता है,‌ Third Umpire फिर मूल कॉल की पुष्टि करने या पलटने के लिए निर्णय को तीसरे अंपायर के पास भेजेंगे। स्लो मोशन टीवी रिप्ले और अन्य तकनीक का उपयोग करते हुए, टेलीविजन अंपायर के पास अंतिम निर्णय होगा।

एक मैच में कितने रिव्यू होते हैं?

वैसे तो ये मैच के format पर Depend करता है कि कौन सा format चल रहा जैसे कि T20, ODI, Test Match.

Test Match में कितने DRS की अनुमति होती है?

Test Match में, एक टीम के प्रति पारी दो DRS की अनुमति दी जाती हैं।

ODI Match में कितने DRS की अनुमति होती है? 

ODI Match में, एक DRS समीक्षा का उपयोग करने की अनुमति है, फिर एक सफल समीक्षा टीमों को किसी भी समय एक DRS समीक्षा को बनाए रखने की अनुमति देती है। 

T20 Match में कितने DRS की अनुमति होती है? 

T20 क्रिकेट में, प्रत्येक टीम की प्रति पारी में 1 DRS समीक्षा होती है।

FAQ Question For DRS Full Form In Cricket 

Q1. DRS का पूर्ण रूप क्या होता है?

Ans. DRS का पुरा पूर्ण रूप डिसीजन रिव्यू सिस्टम होता है, जो की 22 गज की पिच पर खेले जाने वाले क्रिकेट के खेल में एक तकनीकी सहायता है।

Q2. भारत में डीआरएस कब शुरू हुआ था?

Ans. भारत में डीआरएस 2008 में क्रिकेट में डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी DRS शुरू किया गया था। 

Q3. DRS में अंपायर की कॉल क्या है?

Ans. DRS अंपायर की कॉल तब लागू होती है जब प्रभाव स्टंप्स से बहुत दूर होगा, खेल की शर्तें यह निर्धारित करती हैं कि यदि अवरोधन का पहला बिंदु स्टंप से 300 सेमी या अधिक था, तो अंपायर की कॉल बनी रहती है।

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