LBW Full Form In Cricket In Hindi क्या होता है?

LBW Full Form In Cricket : दोस्तों आज कल के Cricket में हम सभी के लिए एक बहुत ही लोकप्रिय खेल बन गया है। 

आज के article में हम आपको बताने वाले है कि LBW Ka Full Form क्या होता है और LBW Ka Matlab क्या होता है साथ ही मैं LBW से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश कि है।

LBW Full Form In Cricket In Hindi क्या होता है?
LBW Full Form In Cricket In Hindi क्या होता है?

LBW Full Form In Cricket

The LBW Full Form In Cricket Is Leg Before Wicket, And The LBW rule is mainly used when the bowler, while bowling from the fielding side, expects the ball to hit the stumps but the batsman stops it with his bat or other body parts.

The bowler and other fielders appeal to the umpires standing in the middle of the stadium to use LBW to get the batsman out. If the matter is clear then the batsmen are declared out at the same time.

If the umpire feels that the ball will move around or is not clearly visible, then in such a situation DRS is used by the umpire himself for accurate and correct information. The first use of dismissal via LBW was in 1774.

LBW Full Form In Cricket In Hindi

LBW का Full Form In Cricket In Hindi में ‘विकेट से पहले पैर’ होता है, और LBW एक क्रिकेट से संबंधित नियम है जिसका उपयोग ICC द्वारा क्रिकेट मैचों में बल्लेबाज को आउट करने के लिए किया जाता है।

LBW rule को क्रिकेट के नियमों में 36वां क्रिकेट कानून माना जाता है, जिसे मुख्य रूप से मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) द्वारा लिखा गया है। इसका इस्तेमाल टीम फील्डिंग के दौरान करती है।

LBW Rule Cricket में क्यों मौजूद है ? – Why does LBW Exist In Cricket?

दोस्तों LBW rule का मुख्य कारण यह है कि वह ऐसा कोई नियम नहीं होने पर वह बल्लेबाजों ने गेंदों को पैड करना शुरू कर दिया था और यह तेज गेंदबाजों के लिए एक गंभीर नुकसान था और वह जो की बल्लेबाज को गति के लिए पीटने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते थे, और साथ ही यह स्पिनरों के लिए भले ही बल्लेबाज गेंद से चूक गया हो और वह उसके पास स्टंप की रक्षा के लिए एक पैड था और यह इसलिए LBW का एक नियम बनाया गया।

एलबीडब्ल्यू कब और कैसे होता है? – When and How Does LBW Happen? 

दोस्तों जब बोलर द्वारा पहने गए दस्ताने के अलावा बल्ले या शरीर के किसी अन्य हिस्से से टकराने के बाद गेंदबाज एलबीडब्ल्यू द्वारा अपना विकेट खो देता है, अगर वह ऐसा करता है तो उस बल्लेबाज को उस मैच में अपना विकेट गंवाना पड़ता है, अगर बल्लेबाज के शरीर के अन्य हिस्सों में लगने पर भी अपना विकेट गंवाता है। 

LBW के नियम क्या होते हैं? – What are the rules of lbw?

यहांँ पर LBW के नियम निम्नलिखित में नीचे दिए गए हैं जो कुछ इस प्रकार है जैसे – 

  • यदि गेंद हाथों के ऊपर से टच करती है और तो बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाता है।
  • दोस्तो वह यदि गेंद से पैर या शरीर से ना टकराये तो वह  उसको सीधे स्टंप से टकराना चाहिए यह सबसे महत्वपूर्ण होता है।
  • गेंद नो बॉल ना हो और वह बल्लेबाजों के दस्ताने को ही वह बल्ले का ही हिस्सा माना जाता है और वह यदि गेंद दस्तानें से भी टकराती है तो इसे LBW आउट नहीं माना जाता।
  • अगर कोई खिलाड़ी अपने हाथ से गेंद को रोकता है तो उसको एलबीडब्ल्यू आउट माना जाता है।

पहले बल्ला टकराता है तो क्या LBW होता हैं? – Is it LBW if it hits the bat first?

दोस्तों आपको को बता दे की गेंद को बल्ले से चूकना चाहिए और वह यदि बल्लेबाज का गेंद का पहला संपर्क उसके बल्ले से टकरा रहा है, तो वह एक दस्ताने जो बल्ले को पकड़े हुए है, जिसे बल्ले का ही हिस्सा माना जाता है, तो उसे LBW Out नहीं होना चाहिए यह नियम होता है।

LBW के फायदे क्या क्या होते हैं? – What Are The Advantages Of LBW? 

हमने आपके के लिए कुछ खास और बेहतर LBW के फायदे बताए गए हैं:-

  • LBW प्रणाली गेंदबाजों को अधिक गेंदबाजी करने के बारे में बेहतर महसूस करने की अनुमति देती है, क्योंकि कोई भी बल्लेबाज उनके द्वारा फेंकी गई गेंद को अवैध रूप से नहीं रोक सकता है।
  • LBW की स्थिति में बल्लेबाज बल्ले के हिस्से और दस्तानों से ही गेंद को रोक सकता है। यह गेंदबाजों के लिए भी फायदेमंद होता है।
  • LBW नियम लागू होने के बाद क्रिकेट टूर्नामेंट या क्रिकेट मैच बहुत मजेदार होता है क्योंकि OUT को लेकर दर्शकों, अंपायरों और खिलाड़ियों के बीच किसी तरह की गलतफहमी की संभावना नहीं रहती है।
  • LBW के जरिए टीम को अंपायरों से सटीक और स्पर्शनीय जानकारी मिलती है ताकि टीम को संदेह न हो।

LBW का इतिहास क्या है? – What Is The History Of LBW? 

  • 1823 में, LBW नियम पेश किया गया था कि गेंद को 22 गज की पिच पर दो स्ट्राइकर के विकेटों के बीच की काल्पनिक रेखा से टकराना चाहिए।
  • 1839 में एमसीसी मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब द्वारा एक और नियम पेश किया गया था, जिसमें कहा गया था कि पिच से टकराने के बाद गेंद को स्टंप से टकराना चाहिए।
  • जॉन टफ्टन को पहली बार LBW नियम के तहत जोन वेल्स द्वारा अगस्त 1795 में मोल्टसी हसर्स में सरे बनाम इंग्लैंड के बीच एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) मैच में आउट किया गया था। वहीं, स्कोरबुक में आउट पहले लेग लिखा गया।

FAQ Question For LBW Full Form In Cricket

Q1. LBW कोन से सन् में प्रयोग किया गया था?

Ans. दोस्तों हम आपको यह बता दे की LBW वर्ष सन् 1774 में ही वह इस नियम का वह सबसे पहले प्रयोग किया गया था।

Q2. LBW में बाहरी पैर क्या होता हैं? – What is outside leg in LBW?

Ans. दोस्तों हम आपको को बता दे की यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कार्य है की जब एक umpire एक LBW निर्णय पर विचार करते है कि क्या गेंद leg stump के बाहर पिच हुई थी और वह यदि गेंद लेग स्टंप की लाइन से बाहर जाती है, और वह तो बल्लेबाज को ही यह आउट नहीं दिया जाता है। 

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